ज़ीने (सीढ़ियाँ)

(ज़ीना-सीढ़ी) 

लिफ़्ट के दौर में ज़ीने जो बिसर जाएँगे

भुलाकर बहाना पसीना, किधर जाएँगे?


ज़ीने के सफ़र जाइए या लिफ़्ट के

चढ़ न सकेंगे दोबारा, जो नज़र से उतर जाएँगे।


 ज़ीने ज़मीर हैं, इन्हें न ठुकराइये ज़नाब !

आपात में आप ज़ीने की ही डगर जाएँगे।


औरों की गवाही से साबित ख़ाक होगा

जब आप आप से ही मुक़र जाएँगे।


दग़ा देगी लिफ़्ट जो, ये ज़ीने याद करना

ज़ीने के रास्ते मुक़द्दर आपके घर जाएँगे।


-काशी की क़लम





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