कोरी लिस्ट (लघु कथा)

मदन और मोहन दोस्त थे। एक दिन वे मंदिर गए। मदन हमेशा तैयारी करके जाता था। तैयार रहना उसकी आदत ही नहीं, बल्कि लत थी। अपनी पढ़ाई, नौकरी, शादी यहाँ तक कि अपने बच्चों की भी फ्यूचर प्लानिंग करके रखा था। मंदिर के पुजारी ने दोनों दोस्तों से बोला, “ माँगो, भगवान दिल खोल के देंगे।” मदन लाइन में मोहन के पीछे था। वो झट-पट मोहन के आगे आ गया। जैसे ट्रेन की तत्काल टिकट बुक करवाना हो। पहले न किए तो फ़ुल! मदन अपनी मन्नतों की लिस्ट साथ लाया था। उसने लिस्ट खोली और भगवान के सामने पढ़ने लगा, “ यूपीएससी क्लियर करवा दीजिए, यूपीएससी वाली लड़की से शादी करवा दीजिए…” आवाज़ काफ़ी जोर-जोर से आ रही थी । पुजारी जी ने टोका, “ बेटा, मन में मन्नत माँगो, प्रभु समझ जाएँगे।” मदन थोड़ा झेंपा।जैसे-तैसे एक पन्ने की अपनी अर्ज़ी सुना डाली। जैसे कोई गृहस्थी वाला परचून की दुकान पर लिस्ट पढ़ता हो। अब मोहन की बारी आई। पुजारी जी, “ बेटा, थोड़ा शॉर्ट में ही रखना। लाइन बहुत लम्बी है।” परन्तु मोहन के पास कोई लिस्ट नहीं थी। उसने मन में बोला, “ प्रभु, माँगकर आपको शर्मिंदा नहीं करूँगा। आप जो भी देंगे उसी में संतोष करूँगा।” इतना मन में कहते हुए मोहन आगे बढ़ गया। भगवान को लगा कि ये भक्त अद्भुत है। मॉडर्न दुनिया में ये कंजर्वेटिव कहाँ से आ गया। चलो थोड़ा मोहन को रिझाया जाए! भगवान बोले, “ सुनो मोहन!” मोहन को लगा कि उसके कान बज रहे हैं! “ मोहन, सुनो!” मोहन ने पलट के मंदिर के गर्भ गृह की ओर देखा। भगवान उसकी तरफ़ देखते मुस्कुरा रहे थे। मोहन को लगा कि यह उसका मतिभ्रम है! थोड़ी देर में भगवान उसके बग़ल में आ खड़े हो गए! मोहन के साथ वो भी चलने लगे। उन्होंने मोहन से पूछा, “ ये तुमने क्या माँगा?” मोहन की सादगी ने उसे शक्ति दी। उस शक्ति के सहारे वो बोला, “ प्रभु, हम जीव सीमित हैं, कुंठित बुद्धि है हमारी। आप पालनहार हैं। असीमित हैं। हमारी माँगने की सीमा है, परन्तु आपके वरदान असीमित हैं। जब आप हमारे माँगने से कहीं अधिक दे सकते हैं, तब माँगकर असीमित संभावनाओं से क्यूँ दूर रहूँ ! भगवान, “यदि मैं कुछ भी न दूँ, तो?” मोहन, “ वो भी सही है। आपकी संतान हैं, जैसे आप चाहेंगे, वैसे रहेंगे।” भगवान मोहन के समर्पण और सहजता से प्रभावित हुए। मोहन ने जीवन में कोई कामना नहीं की। प्रभु उसे असीमित सफलता, संपन्नता और संतोष के रत्न देते रहे। इंसान की कामनाएँ सीमित है, पर ईश्वर की देन असीमित है। 



-काशी की क़लम 





टिप्पणियाँ

  1. Very good story
    We all should take a lesson
    We must follow Mr Mohan

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  2. भगवान की असीम कृपा, भगवान में विश्वास, आपकी यह कहानी सारी जनता को एक संदेश देती है जय हो, नवीन जी।

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