जीवन कैसे जिया जाए? (कविता)
जीवन कैसे जिया जाये?
जलता जैसे दीया जाये।
उम्र घट रही है पल-पल,
ख़र्च हो रहे हैं मुसलसल*।
दीये में बचा जितना तेल है,
उतने भर ही जीवन खेल है।
तेल का कितना भण्डार है?
नहीं पता, तले अंधकार है।
अहम-प्याला नहीं पिया जाए!
तेल भर उजाला किया जाए।
-काशी की क़लम
मुसलसल* : लगातार
Bahut achha 👌👏👏😍
जवाब देंहटाएंबढ़िया नवीन,
जवाब देंहटाएंदिए जितना प्रकाशमान हो।
दीये से प्रेरणा...
जवाब देंहटाएंक्या बात है!
👍जीवन इसी प्रकार जिया जाय कि *तेल भर उजाला किया जाय लिहाज़ा विलम्ब ना करो सब आनंद ले लिया जाय* ।🙏
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