बच्चों की क़िताबें और The Giving Tree

क़िताबें हमेशा ही मोहक होती हैं। उनमें बच्चों की क़िताबें की बात ही क्या! रंग-बिरंगी चित्रकारी शब्दों से कहीं अधिक बोलते हैं। शब्दों की पहचान नहीं रखने वाले बच्चे इन चित्रों को अपनी कहानी में डालते हैं। उनकी अपनी बुनी एक कहानी बन जाती है। ये क़िताबें गागर में सागर होती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य नैतिक मूल्यों को आकर्षक ढंग से बच्चों को परोसना रहता है। बच्चों से अधिक लाभ इन पुस्तकों का बड़ों को मिलता है। वो भी अपनी नैतिकता को दुरुस्त कर सकते हैं। बच्चा जो सीख रहा है, अभिभावक को पहले से ही आता है। यदि भूल गया है, तो नैतिक मूल्यों पुनरावृत्ति का काम ये पुस्तकें बख़ूबी करती हैं।



बुकस्टोर में “The Giving Tree” पर आज नज़र पड़ी। यह क़िताब अपने बच्चों को ज़रूर-से-ज़रूर पढ़िये-पढ़ाइएगा। Give and Take किसी रिश्ते से अछूता नहीं बचा है। ऐसे दौर में, यह पुस्तक ‘सर्वस्व निछावर कर देने’ की भावना पे बल देती है। दूसरी तरफ़, इसमें मानव के दुःखों की जड़ उसकी असीम, अतृप्त लालसा को दिखाया गया है। बच्चा अगर सुखी रहने का मंत्र माता-पिता, अभिभावक के गोद में सीख ले, इससे महत्त्वपूर्ण सीख भला और क्या हो सकती है! 

-काशी की क़लम

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