राजर्षि के जन्म दिवस की ढेरों बधाइयाँ

 आत्मा ही परमात्मा है, और कर्म इस यात्रा का मार्ग।  आज राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव जी के जन्म दिवस पर उनको नमन। आज जहाँ पर दसों हाथों द्वारा एक केले का दान अख़बारों तक शोर मचा रहा है, वही आपने इतना विशाल विद्यालय खड़ा करते वक़्त उसमें दूर-दूर तक अपने नाम की आहट भी न होने दी। आपका यह अकथित संदेश आज भी छात्रों को प्रेरित करता है जनसेवा के असल चरित्र को। 

बस काम के हवाले करो ख़ुद को बाक़ी फ़िज़ा देखेगी…

-काशी की क़लम





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