प्रख्यात लेखक-विचारक डॉ. हरेंद्र नारायण सिंह जी के काशी की क़लम थामने पे सादर अभिनंदन और आभार।

 सादर प्रणाम, 

मैं हूँ आपका नवीन और मेरे पास है आप सभी सुधिजनों के लिए एक बेहद खूबसूरत .... 

... 

ख़ुशख़बरी!!!

आपकी काशी की क़लम को और धार देने आ रहे हैं सुप्रसिद्ध लेखक, विचारक डॉ. हरेंद्र जी। मैं हमेशा क़लम के पीछे के सहयोगियों और मार्गदर्शकों की बात करता हूँ, उनमें से एक शीर्ष नाम है इनका। ये परदे के पीछे रहकर रंगमच को चमकाने की कला में माहिर हैं। पेश है संक्षिप्त परिचय:

जन्म : गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश।

आरम्भिक शिक्षा: मिर्ज़ापुर और वाराणसी से। 

इलाहाबाद विश्विद्यालय से बी. ए., एम. ए., गाँधी विचार और शांति अध्ययन में पी.जी. डिप्लोमा और डी. फिल.

उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की पुस्तकों एवं पत्रिकाओं में लेखन और संपादन। 

उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार ( ARCHIVES) में कार्यरत। 

आपकी बहुचर्चित क़िताब 'भारतीय कला फ़िल्म आंदोलन का इतिहास' फ़िल्म जगत में ख़ास स्थान रखती है।

आपके आने से बस चार चाँद ही नहीं, बल्कि ब्रम्हाण्ड के सारे चाँद काशी की क़लम को लग गए हैं। ज़ल्द आप इनकी रचनाओं से से रूबरू होंगे। भरोसा रखिए, इनकी लेखनी इतनी सारगर्भित और रोमांचक है कि आप इनकी अगली रचनाओं का बेसब्री से इंतज़ार करेंगे। 

सादर

काशी की क़लम 



टिप्पणियाँ

  1. काशी की कलम और धारदार हो जायेगी, स्वागत है डा हरेंद्र जी का

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    1. आदरणीय श्री संजीव सर, सादर प्रणाम। आपके सहयोग और आशीर्वाद के हम आभारी हैं 🙏🏽।

      हटाएं

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