कोरिया की शौक़िया खेती :एक परिचय
सादर प्रणाम!
कोरिया में सबसे अद्भुद काम एक विदेशी के तौर पर अगर मैंने कुछ किया है है तो वो है खेती। ये काफ़ी चौकाना वाला है और मुझे नहीं लगता है कि शायद किसी और विदेशी को इस काम को करने का सौभाग्य मिला हो। अब भारत में किसानों के अखबारी हालत या नेताओं के भाषण से तो लगता है कि यह सभाग्य है लेकिन अगर किसी मध्यम या छोटे किसान से आप बोलेंगे की आप तो देश के पालनहार, अन्नदाता, पोषणकर्ता, भगवान हो तो यह बात जले पे नमक के सामान होगी और आप किसान की खरी-खोटी सुनने के लिए अपना कलेजा कठोर किये रहियेगा। क्योंकि वास्तविकता ये है कि ऐसा किसान अपने परिवार को दो जून की रोटी जुटाने में बाल सफ़ेद करता है। उसकी पैदावार के समय चीजें के दाम घास-भूसे की तरह होते हैं लेकिन सीजन बीतने पर वहीँ सामान सोने के भाव खरीदना पड़ता है। बस विरासत में मिली जमीन के मोह में वो हल चलाता रहता है। यह सौभाग्य कम लाचारी ज्यादा है।
२ साल पहले मैं अपने एक कोरियन दोस्त के साथ खेती कर चुका हूँ। खेती करने वाले लोगों में ज्यादातर लोग अवकाश प्राप्त लगे। तो उनके लिये यह समय बिताने का अच्छा उद्यम है। कुछ हमारे तरह शौकिया लोग भी थे। यह परिवार के साथ समय बिताने का एक अच्छा संसाधन है। और सबसे ख़ास बात अपने हांथो से बीज बोने से लेकर उसका जतन करना, समय समय पर खाद पानी देना और फिर उसको खाने का अनुभव अकल्पनीय है। इसको सिर्फ महसूस किया जा सकता है। बताया जा सकने वाला आनंद नहीं है। कई महीनों की पूरी प्रक्रिया मेहनत, धैर्य और उम्मीद पे चलती है।
मेरा कोई खास परिचय नहीं है। इसलिए अपने मित्र कम बड़े भाई ज्यादा जी सांगिक ( surname +name )का संक्षिप्त परिचय देता हूँ। ये हमारे पड़ोसी ,बहुत जी जिम्मेदार, मेहनती, नाप तौल के बोलने वाले, मुस्कान के कंजूस और ठहाके के अकाली हैं। इनकी २ बेटियाँ हैं। बड़ी बेटी मेरी बड़ी बेटी की कोरिया में पहली दोस्त है। इनके साथ कहीं भी घूमने जाइये फालतू एक पैसा नहीं खर्च होता है। ये कोरिया में हमारे कल्प-वृक्षों में से एक हैं। ये लगभग २० साल पहले भारत भ्रमण पर गए थे, तब से भारत के शाश्वत प्रशंशक हो गये। भारत का खाना इनका पसंदीदा है। हिंदी फिल्मों के दीवाने हैं , लेकिन कभी कभी ऐसी फिल्मे डाउनलोड करके ले आते हैं जो भारत में पहले कभी सुनी न हो। ये मिलिटरी में बहुत रुचि रखते हैं। भारत के पास कौन सा फाइटर प्लेन किस देश से आया है, कौन सा टैंक है , दूसरे देशों की तुलना में भारत की युद्ध क्षमता इत्यादि सबकी बारीकी से जानकारी रखते हैं। एक दिन मुझे You Tube का वीडियो दिखाने लगे, कोरिया ने भारत को K9 टैंक भेजा था। उस टैंक की भारत मीडिया में बहुत तारीफ होने वाला वीडियो था। वीकेंड पे १०० km साइकिल बड़ी ही आसानी से चला लेते हैं। इनके साथ कैंपिंग में जाना मतलब लगातार खाने का मौके जैसा है। बिना थके लगातार तरह तरह के कोरियन खाना पकाते हैं। लेकिन पकाने का काम केवल और केवल कैंपिंग तक ही सीमित है।

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साभार :
१ :KOSIS-KOREA STATISTICAL INFORMATION SERVICES
२:https://worldpopulationreview.com/countries/south-korea-population/
कोरिया में सबसे अद्भुद काम एक विदेशी के तौर पर अगर मैंने कुछ किया है है तो वो है खेती। ये काफ़ी चौकाना वाला है और मुझे नहीं लगता है कि शायद किसी और विदेशी को इस काम को करने का सौभाग्य मिला हो। अब भारत में किसानों के अखबारी हालत या नेताओं के भाषण से तो लगता है कि यह सभाग्य है लेकिन अगर किसी मध्यम या छोटे किसान से आप बोलेंगे की आप तो देश के पालनहार, अन्नदाता, पोषणकर्ता, भगवान हो तो यह बात जले पे नमक के सामान होगी और आप किसान की खरी-खोटी सुनने के लिए अपना कलेजा कठोर किये रहियेगा। क्योंकि वास्तविकता ये है कि ऐसा किसान अपने परिवार को दो जून की रोटी जुटाने में बाल सफ़ेद करता है। उसकी पैदावार के समय चीजें के दाम घास-भूसे की तरह होते हैं लेकिन सीजन बीतने पर वहीँ सामान सोने के भाव खरीदना पड़ता है। बस विरासत में मिली जमीन के मोह में वो हल चलाता रहता है। यह सौभाग्य कम लाचारी ज्यादा है।
वीकेंड फार्मिंग 주말 농장:
कोरिया में यह व्यवस्था बहुत ही रुचिकर है। कोरिया के हर बड़े शहरों में सरकारी जमीन पर उस शहर के लोग अपने मन पसंद की साग-सब्जियां उगा सकते हैं। ये जगहें शहर के बहुत बीचो-बीच होती हैं इसलिए सुगमता से इसका आनंद उठाया जा सकता है। यह व्यवस्था शहर के मुन्सिपल कॉर्पोरशन द्वारा संचालित होती है जिसमे उस शहर में रहने वाला हर व्यक्ति, विदेशी भी शामिल हैं, जो टैक्स भरता है, आवेदन कर सकता है। सामान्यता आवेदनों की संख्या उपलब्ध खेत से लगभग ५-६ गुना होती है तो लाटरी के माध्यम से अलॉटमेंट होता है। पिछले साल मेरे मित्र लॉटरी में चूक गए थे। इस बार भाग्य साथ दे दिया है। यह खेत का लगभग १३ स्क्वायर मीटर का टुकड़ा १ साल के लिए लगभग रू २५०० के किराये पर मिलता है। यह क्षेत्रफल बहुत छोटा है क्योकि भारत में हमारा स्केल बहुत बड़ा रहता है। कोरिया में जमीन की बात करें तो कुल जमीन के ७२ % भाग पे पहाड़ों का पहरा है( १ ) . इन पहाड़ों पे सिवाय मोबाइल टावरों या टर्बाइनों के कुछ नहीं होता है। परिणाम स्वरूप कोरिया की पूरी लगभग ५.१७ करोड़ (१) की आबादी २८% जगह में रहती है, जिसमे सड़कें, नदियाँ , स्कूल, पार्क सब शामिल हैं। यहाँ का जनसँख्या घनत्व ५०३ लोग प्रति स्क्वायर किलोमीटर है(२)। लेकिन इस आकड़े में पहाड़ को भी रहने योग्य जमीन के रूप में लिया गया है। अगर केवल २८% रहने योग्य जमीन के हिसाब से आकलन किया जाय तो यह १८२७ लोग/ sqkm होता है। कोरिया में हाई राइज अपार्टमेंट देखकर ये अगर ख़याल आये कि कितना सुन्दर है तो ये ध्यान रखियेगा कि जमीन पे न रह पाना रहीसी नहीं मजबूरी भी हो सकती है।२ साल पहले मैं अपने एक कोरियन दोस्त के साथ खेती कर चुका हूँ। खेती करने वाले लोगों में ज्यादातर लोग अवकाश प्राप्त लगे। तो उनके लिये यह समय बिताने का अच्छा उद्यम है। कुछ हमारे तरह शौकिया लोग भी थे। यह परिवार के साथ समय बिताने का एक अच्छा संसाधन है। और सबसे ख़ास बात अपने हांथो से बीज बोने से लेकर उसका जतन करना, समय समय पर खाद पानी देना और फिर उसको खाने का अनुभव अकल्पनीय है। इसको सिर्फ महसूस किया जा सकता है। बताया जा सकने वाला आनंद नहीं है। कई महीनों की पूरी प्रक्रिया मेहनत, धैर्य और उम्मीद पे चलती है।
लॉटरी से चुने हुये लोगों के खेत के टुकड़े के आगे उनके नाम का बोर्ड लगा होता है। नालियां विभाजन की लकीरें हैं। |
किसान : जी सांगिक (Ji Sang-Ik 지상익씨) और मैं:
जी सांगिक जी |
कृषि संसाधन:
कृषि यन्त्र :
नीचे जो फोटो में है वो काफी उपयोगी है। हमारे यहाँ इस्तेमाल होने वाले कुदाल, खुरपी और फावड़े का हाइब्रिड लगा। इससे कुदाल की तरह खुदाई, गुड़ाई और कम गहराई की रेखा खींची जा सकती है। खुरपी की भांति सोहाई की जा सकती है। फावड़े ले सामान प्रयोग लेट हुए गहरी खुदाई करते हुए मिटटी को एक एक जगह से दूसरे स्थान पर फेंका जा सकता है। मेरे मित्र ने बताया की ये अमेरिका में काफी मशहूर। यहाँ पर अमेरिका को बहुत फॉलो करते हैं। एक दिन एक इलेक्ट्रॉनिक मॉल के बहार एक प्रोडक्ट का प्रचार था और लिखा था "अमेरिका में ग्राहक संतुष्टि में नंबर एक " . मुझे इस लिखावट का उद्देश्य समझ नहीं आया।
अगली बार अपने यहाँ भी यह हाइब्रिड लेके जाऊंगा।
सिंचाई
आदमियों को ही नहीं पौधों को भी समय-समय पर पानी देना बहुत जरूरी होता है। यह सुविधा भी सरकारी व्यवस्था के अंतर्गत आता है और खेत के किराये में जुड़ा रहता है।
खेत के आकार के हिसाब से पानी की हौदी पर्याप्त है, वैसे कुछ लोग पाइप का भी इस्तेमाल करते हैं सिंचाई के लिए। |
पानी ढोने का डब्बा। ताला ध्यान से देखिये। अरहर की टट्टी गुजराती ताला नामक मुहावरा याद आ गया। |
पौधे और बीज:
यहाँ पर पिछली बार हमने भिंडी, बैगन, पालक, आलू , गाजर, टमाटर, हरी मिर्च, धनिया, मूली और करेला उगाई थी। कुछ कोरिया विशेष सब्जियां जैसे ४-५ प्रकार के लेटुस, कैबेज-इससे किमची भी बनता है, उगाया था। ये सारे हरे और कत्थई रंग के पत्ते होते हैं जो की सलाद के रूप में खाया जाते है। कोरियन बड़े ही हेल्थ कौन्सियस होते हैं। यहाँ पर औसत अपेक्षित जीवनकाल ८२.७ साल का है (१).
बीजों के पैकेट पर बोने की विधि, समय, तापमान इत्यादि मूल चीजें लिखी रहती हैं।
आज की बुवाई में केवल लेटुस Lettuce ही था। पौधे अगले हफ्ते रोपे जायेंगे।
Lettuce बोने की विधि :
माटी को एकदम रपा-रप भुरभुरा करते हैं। अपने यहाँ घास निकलती है यहाँ पर पत्थर बिना गया।
जड़ों को फ़ैलाने में पत्थर बाधक होते हैं यह प्रकृति से सीखा जा सकता है।
पत्थर |
दूसरी बात जो सीखने लायक है कहीं भी प्रयास करने पर पहले अच्छी चीज नहीं मिलती। समुद्र मंथन -हलाहल, कैंपस प्लेसमेंट-रिजेक्शन, शादी-रिजेक्शन, अच्छे दोस्ती की शुरुआत -पहले कचाकी झड़प या मारपीट , खेत की जोताई-घास फूस , कोरिया में पत्थर।
तो अगर कभी कुछ बुरा हो तो उसे अच्छे के आगाज के रूप में लेना चाहिये।
माटी भुरभुरी करके लगभग १ इंच गहराई में छीट दिया गया है। अपने यहाँ जैसे लहसन रोपते हैं। ये कटुई धनिया की तरह होता है , काटिये खाइये का क्रम चलता रहता है।
बायें से क्रमशः -गाजर+मूली, तीन प्रकार के लेटुस |
बोने और देखभाल सम्बंधित जानकारी |
इसको बोने में भी मोह लग रहा था। शायद अनमोल रतन बोना इसी को देखकर कहा गया हो। |
तो यह थी पहले सप्ताह की खेती। इस खेत के आस पास की जगह भी बहुत रोचक है, जिसमे कोरिया के पुराने घर, हस्त कलाकार, वाद्य यन्त्र रखे गए हैं। बढ़ती हुयी सब्जियों के बीच-बीच में उनको आप तक पहुँचाने का प्रयास करूँगा।
प्रणाम
-नवीन
मेरा You Tube चैनल SUBSCRIBE करिये, आशा है आप निराश नहीं होंगे।
https://www.youtube.com/channel/UCXsDzRmZ5Tkj3iyzDhP4vow
प्रणाम
-नवीन
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साभार :
१ :KOSIS-KOREA STATISTICAL INFORMATION SERVICES
२:https://worldpopulationreview.com/countries/south-korea-population/
Very nice picturisation
जवाब देंहटाएंThank you for liking it.
हटाएंDear Naveen this was fantastic. You have a gift. You made “krishi darshan” as enjoyable as a classic standup comedy. Loved it! Keep up the good work. Your writing brings two countries closer and closer!
जवाब देंहटाएंAbhishek
Dear Abhishek Sir, thanks a lot for your magnanimous and encouragement words. Will try do it more.
हटाएंBahut sundar
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