घोंसला और घमण्ड
तिनका-तिनका घोंसला बनाया।
गज घमण्डी ने वह पेड़ गिराया।
पेड़ गिरा, घोंसला बिखरा।
हौंसला और ऊँचा पसरा।
बिखरे तिनके, थे पंख के तिनके।
पंछी के पर बाहुबली-से पिनके।
वो मदमस्त के मस्तक पर तिनके जमा करने लगी।
घमण्डी के सिर पर मर्दानी घोंसला सिलने लगी।
घोंसला घमण्डी के ऊपर।
घमण्ड नीलकंठिनी के भीतर।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें