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लैकी देखाई के रसम (भोजपुरी कविता)

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भाग-१: लैका खोजाई बचिया के हाथे मेहंदी रचावे के बा, बचिया के बियाह करावे के बा। पापा के कन्धा पर भार पड़ल बा, उनके लिलारे क रेखा रोज बढ़ल बा।  बेटी के त केहू इहाँ फेकी नाहीं अइहन बचिया के माई के कवन मुँह देखइहन! पापा आपन जेब टोवय लगलन, पासबुक क पाई-पाई जोहय लगलन। बचिया के मम्मियो ओम्मे गहना जोड़ावत बानी, परिवार कइसन मिली मने-मन दहावत बानी। अगुआ पर पापा के अंधा बिसवास बा, सपनों में ठगवइहन नाहीं, लगल आस बा। लैका के पापा के एक्को नाहीं डिमाण्ड बा, ‘कुछु नहीं चाही’ वाला ई नया चलल ब्राण्ड बा। तिलकहरुन के आपन कुल धन-दौलत गिनाय देहलन, बड़का में केतना मिलल, पाई-पाई जोड़ाय देहलन। उ त बचिया के पापा के धोती-कुर्ता निहारे लगलन, केतना क अदमी हउवन, अगुआ से करै इसारे लगलन। दहेज ना चाही तब्बो खर्चा-बर्चा मिले के चाही, नात-रिस्तेदार के समने धाक जमल रहे के चाही।  दहेज मिली चाँप के त बरात जाई, नहीं त लिखनी के माथे दोष मढ़ाई। बचिया के पापा माया खेत-खरिहान क छोड़े लगलन पैसा जुटावे सेठ-महाजन के इहाँ हाथ जोड़े लगलन। बिना मँगले लैका के पापा मन भर पाई गइलन, संसार के बगिया में फूले नाहीं समाई गइलन। पैसा त उनके

गौरैया (कविता)

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एक गौरैया मेरे पास आई है,  शायद उसे उसकी भूख लाई है। गौरैया को ढेरों दाने दिखते हैं, दाने सूखे मन पे हरियाली लिखते हैं। पानी पीने के बाद तन तर जाता है उससे पहले दर्शन से ही मन भर जाता है। सूखी धरती की प्यास तभी बुझ जाती है,   हवा  जब  बादलों पैग़ाम कुछ लाती है। सब दाने चुगले तुरन्त! गौरैया का जी करता है, दिनों-दिन की भूख मिटाले! उसका जी करता है। आज दाना मिला, कल का क्या वादा है! आने वाले बरसों का आज ही भर लेने का इरादा है। दाना चुगने गौरैया जैसे ही चोंच गड़ाती है, तभी वहाँ दूसरी गौरैया आके पंख फड़फड़ाती है। गौरैया चोंच का दाना छोड़के पीछे हट जाती है, भूख बड़ी होगी चुगले! कहकर चहक लगाती है। दूसरी गौरैया आगे आती है, दाना चोंच में उठाती है, तभी तीसरी गौरैया टपक कर अपनी भूख जताती है। तीसरी भूखी रहे और वो खाले उसको धिक्कार है! कैसे वह भूले अभी पहली से जो मिला संस्कार है! देखा-देखी वो भी दाना छोड़के हट जाती है, हरेक गौरैया अपना गौरैया धर्म निभाती है। यह गौरैयाचारा देख वहाँ झुण्ड बड़ा हो जाता है कौन चुनेगा दाना पहले? सवाल खड़ा हो जाता है। हठ से नहीं, हटने से जग का दिल जीता जाता है हठी नहीं जो